हिंदू जागरण मंच ने आरसीईपी मुक्त व्यापार समझौते का किया विरोध

 जनपद मुज़फ्फरनगर में शनिवार को हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा आरसीईपी मुक्त व्यापार समझौते का व्यापारियों ने विरोध किया और भारत सरकार से इस समझौते पर व्यापारियों ने हस्ताक्षर न करने का अनुरोध करते हुए जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से प्रधानमंत्री भारत सरकार के नाम सौंपा ज्ञापन
जनपद मुज़फ्फरनगर में शनिवार कचहरी परिसर स्तिथ जिलाधिकारी कार्यलय पर स्वदेशी जागरण मंच के बैनर तले दर्जनों व्यापारी पहुँचे ओर एक ज्ञापन ज़िलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम ज्ञापन सोपते हुए बताया की भारत सरकार 15 देशों के साथ आरसीईपी नाम से एक मुक्त व्यापार समझौता करने की ओर अग्रसर हो रही है, जिसमें 80 से 95% वस्तुओं पर आयात शुल्क शून्य करने का प्रावधान रखा जा रहा है, यदि यह समझौता होता है तो इससे भारत के उद्योगों कृषि एवं डेयरी पर प्रतिकूल  दूरगामी प्रभाव होंगे जिसके कारण न केवल क्षेत्रों में बिना शुल्क आयात बढ़ने के कारण उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और नवीन क्षमताओं की संभावना ही समाप्त हो जाएगी।आपको ज्ञात हो कि आज डेयरी क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 10 करोड लोगों को लाभकारी रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा रहा है न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से शून्य आयात शुल्क पर दूध और दूध उत्पादों के आयात के कारण हमारे किसानों को मिलने वाले दूध की कीमत में भारी गिरावट होगी जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष तौर पर महिलाओं के रोजगार में भारी गिरावट आ जाएगी किसानों की आमदनी दुगनी ई बजाय आधी राह जाएगी, और कम से कम 5 करोड़ लोगों का रोजगार छिन जाएगा।इस समझौते में निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकारों के संबंध में की जा रही प्रतिबद्धता के कारण हमारे देश को विदेशी मुद्रा के बहिगर्मन के रूप में भारी नुकसान सहना पड़ेगा। स्वदेशी जागरण मंच सरकार से मांग करता है कि इस समझौते में आगे बढ़ने पर विराम लगाया जाए और वार्ताकारों को हिदायत दी जाए कि वह कोई प्रतिबद्धता देने से बचें, स्वदेशी जागरण मंच सरकार को आग्रह करता है कि यदि सरकार इस समझौते पर आगे बढ़ती है तो स्वदेशी जागरण मंच को इसके खिलाफ अपने आंदोलन को तीर्व करना पड़ेगा।